०६ जानेवारी २०१६

अहिराणी चारोळ्या


भस्टाचारना पायरे,
शेतकरी गया हारी...
जवय शेतकरी पिकाडाव नही,
तवय बठ्ठा जातीन हारी...
-------------------------------------------------------
गाडी मा बठीसन,
नेता मोठासक्या करतसं....
तेसनं कर्मानं फय,
मंग खाले मान टाकी भरतस..
-------------------------------------------------------
वावरकडे दखीसन,
बिचारा शेतकरी गयरा रडे...
बाराही महिना बिचारा,
गरिबीना झुडुपमाज सापडे...
-------------------------------------------------------
माय - बाप ना शिवाय,
खोटी शे गोट...
जेना माय - बाप नही,
दुन्याना त्या बिचारावर बोट...
-------------------------------------------------------
एक दिन माय गाव जास,
ते आख्खा दिन बोर वाटसं...
जेसना माय-बाप नही शेत,
त्या बिचारा कसा रातस...
-------------------------------------------------------
बापनी याद ऊनी,
त्या राखले दखीसन...
प्रणाम करस पप्पा,
पायवर डोकं टेकीसन...
-------------------------------------------------------
थंडी ऊनी, थंडी ऊनी,
ढुमाया,
जेन - तेन्या गोधळ्या समाया...
-------------------------------------------------------

📓कवीकुमार तुषार पाटील.
ज्ञानेश्वरत्न साहित्य कला मंच,
निंभोरा, ता. धरणगाव
जि. जळगाव

मायनं माहेर...

मायना माहेरनी गोडी |
माय येस माहेरमा सोडी ||
कसं वाटस तुना मनले |
माले सांगना वय माळी ||१||

याद येस का वयं तुले |
तुना माहेरनी माती ||
सांग, कशी निभावस तु |
आपली नाती आणि गोती ||२||

मना बापना संसारसाठे |
करा तु माहेरना त्याग ||
सांग, या सासरवासना |
तुले येस नही का वय राग ||३||

राखीपुणी नी भाऊबीजशिवाय |
देखस नही तु माहेरन तोंड ||
या सासरवासनी शे |
तुना मांगे एकसारखी सोंड ||४||

तुना एकटा जीवमुळे |
चालसं हाई खटलं ||
तुना एकटी शिवाय |
कोनं हालसं नही पाटलं ||५||

माय, कशी निभावस तु |
एवढा मोठ्ठा संसार ||
तुना चेहरावर देखी नही |
मि कधीन दुःखानी हार ||६||

📓कवीकुमार  तुषार पाटील.
ज्ञानेश्वरत्न साहित्य कला मंच, निंभोरा ता. धरणगाव जि. जळगाव..........
मो. ७७२१८६६६३२